अपराध

बी गैप बंधे पर चार्ज लेने की रंजिश में हुई थी जेई बिंदा ठाकुराई की हत्या,26 वर्ष बाद दो आरोपियों को आजीवन कारावास

 

महराजगंज टाइम्स ब्यूरो:- नेपाल राष्ट्र में नारायणी नदी के बहुचर्चित बी गैप बंधे पर रूपयो के खेल में 26 वर्ष पूर्व हुई अवर अभियंता बिंदा ठकुराई की हत्या के मामले में महाराजगंज के जिला न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। न्यायालय ने तत्कालीन सिंचाई विभाग के अवर अभियंता हरिश्चंद्र सिंह और भरत सिंह को आजीवन कारावास की सजा समेत एक - एक लाख के अर्थ दंड से दंडित किया है। अर्थ दंड का भुगतान न करने पर 1 वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतने का भी निर्देश दिया है। कहानी 26 साल पुरानी है जब भारत नेपाल की सीमा पर नारायणी नदी के बी गैप बंधे पर  मरम्मत के लिए लाखों करोड़ों रुपए का वारा न्यारा हो रहा था। उस समय नदी के ठोकर नंबर 12 पर चार्ज लेने के लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों में होड़ लगी रहती थी। ठोकर नंबर 12 का चार्ज लेने के लिए कई अवर अभियंताओं की नजर गड़ी हुई थी लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने तत्कालीन अवर अभियंता रहे बिंदा ठकुराई को ठोकर नंबर 12 की मरम्मत का अधिकारी बना दिया था। ठोकर नंबर 12 के प्रभारी बनने के बाद बिंदा ठाकुरई को जान से मारने की धमकी भी मिली थी बावजूद उसके बिंदा ठकुराई ठोकर नंबर 12 पर कार्य करते रहे। 2 जून 1997 की रात बिंदा ठकुराई अपने आवास पर सो रहे थे इस समय हमलावरों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। हत्या के बाद मामले में तत्कालीन सिंचाई विभाग के अवर अभियंता सुभाष चंद्र पांडे ने अज्ञात हमलावरों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था इस मामले में पुलिस ने जांच पूरी करते हुए विभाग के ही हरिश्चंद्र सिंह और तीन लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मुकदमा चलता रहा। मुकदमा में ताहिर अली  नाम के आरोपी की मृत्यु हो गई शेष हरिश्चंद्र और भरत के खिलाफ मुकदमा चलता रहा। जिला शासकीय अधिवक्ता विजेंद्र नाथ त्रिपाठी ने साक्ष्य और गवाहों के आधार  न्यायालय से दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी जिसके कर्म में जिला जज नीरज कुमार ने आज दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास  और एक-एक लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया है।

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